माई पर भोजपुरी कविता
मां 🙏🙏
...
कौनो भी रिश्ता से
उनका कमी के भरपाई न होई
केहू केतनो करी दुलार
बाकिर माई न होई
लाख मुसीबत सही के "भी
जे अपना कोख में पालल.
अपने ठोकर खा कर के
जे हरदम हम के सम्भालल
वोकरा से बढ़ के दुनिया में
केहू दाही ना होई
केहू केतनो करी दुलार
बाकिर माई न होई.
माई के ममता के आगे
फीका ह" हर पिरितिया.
जे भूखे ली औलाद खातिर जिनगी भर खर-जिवितिया.
वोकरा अंचरा से बढ़ के
कौनो परछाई न होई.
केहू केतनो करी दुलार
बाकिर माई न होई.
हर धाम से बढ़ के ह
माई के चरण-धाम.
कर ब पूजा माई के
न" होख "ब कबो नाकाम
दुःख देब-अ अगर माई के
त" तहार भलाई न होई.
केहू केतनो करी दुलार
बाकिर माई न होई.
सुक्रीयाँ
आप सभि को
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#skg
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