दलितो के दीवाली diwali
कैसे बधाई दु मैं दीपावली की
मेरा जमीर मुझे इजाजत नहीं देता
कितने जुल्म सहे हमने जलिमो के,
कितने अपमान सहा बाबासाहेब ने
कैसे बधाई दु में दीपावली की
मेरा जमीर मुझे इजाजत नहीं देता
एक तड़प सी है दिल में शायद कोई छोड़ गया हमें..!!
जानवरों से भी थी बत्तर ज़िन्दगी इंसान बना कर छोड़ गया हमें..!!
फिर कोई जुल्म न करे इस लिए संविधान बना कर छोड़ गया हमें..!!
नमन करता हूँ उस महामानव को
जो हाथों में कलम थमा कर
इंसान बना गया हमे ll
कैसे भूलू उसके एहसान नही चुका पाऊंगा जन्म तक
याद आते हैं बहुत अकेला
छोड़ गया हमें..!!
_*जय भीम*_
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