दलितो के पुर्वज कैसे रहते थे

#जयभीम : जो लिखा है वह पूरा पढ़ नीचे 👇👇
🧐आओ जाने और समझे, संविधान से पहले
हमारे बाप दादा और हमारी पीढियां कहाँ, कैसे और किन हालातों में रहते थे🧐
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*1 🤔हम लोग कच्चे घरों में, तम्बूओं में, झोपडियो में अमीरों की हदों से हट कर गांव से बाहर तालाब किनारे रहते थे।
*2 🧐 धर्म प्रथा, जाति प्रथा,
सति प्रथा, छूत प्रथा, रीति रिवाज, संस्कृति, परंपराओं और अमीरों के अपने ही बनाए गए कायदे कानून के तहत हम गुलाम थे
*3 🤔अच्छा खाना, अच्छा पहनना, बडे लोगों की बराबरी करना, अपने हक के लिए लडना, और पढाई करने का हमें कोई भी हक नहीं था।
4 🤔 हमारे वैद्य ( डाक्टर ),धर्म गुरु और हमारी पंचायतें भी अलग होती थी।
*5 🤔  अमीर - गरीब, छोटे - बडे, ऊंच - नीच , और जातिवाद की दीवारें होती थी।
*6 🤔 हम औरों के टुकडों पर पलने वाले थे।
*7 🤔  हमारा अपना कुछ भी वजूद नहीं था।
*8 🤔  समाज में हमारा आदर, मान , सम्मान,इज्जत, नाम और पहचान कुछ भी नहीं था।
*9 🤔 हमें मनहूस समझा जाता था।
*10 🤔 हमारी औरतों से मनचाही मनमानी और बदसलूकीया की जाती थी।
*11 🤔 हमें गुलाम बना कर खरीदा और बेचा जाता था।
*12 🤔  हमें हदों और पाबंदियों में रखा जाता था।
*13 🤔  जाति और धर्म के नाम पर हमें आपस में ही लडाया जाता था।
*14 🤔  हमारे पास किसी भी प्रकार का कोई भी अधिकार नहीं था।
*15 🤔  कुछ भी करने से पहले हमें इजाजत लेनी होती थी।
*16 🤔  ऊंची आवाज  में बोलना, आंखें उठाना, और ऊंचा सिर उठाना हमारे लिये वर्जित था , पाप था।
*17 🤔  हमारी एकता के संगठनों को विद्रोही बताकर दण्डित किया जाता था।
*18 🤔  अपने मतलब के लिए हमें मोहरा बनाया जाता था।
*19 🤔 हम कमजोर, लाचार, असहाय,अनपढ, गरीब , बे-घर और बे- सहारा थे।
*20 🤔 हमें दलिद्रों में गिना जाता था।
*21 🤔 कोई भी हम से दोस्ती या रिश्तेदारी बनाना पसंद नहीं करता था।
*22 🤔  हमें नीच और तुच्छ समझा जाता था।
*23 🤔  हमें बड़े लोगों की गंदगी साफ करने के लिए इस्तेमाल किया जाता था।
*24 🤔 बिना वजह हमें दोषी करार देकर सजायें दी जाती थी।
*25 🤔  कठपुतलियों की तरह हमें नचाया जाता था।
*26 🤔 अत्याचार, अन्याय, शोषण और जुल्म सहना हमारी आदत थी।
*27 🤔 हमारी कहीं भी कोई सुनवाई नहीं होती थी।
*28 🤔 हम दर-ब-दर भटकने के लिए मजबूर थे।
*29 🤔  मौत और नरक से भी बदतर थी हमारी जिन्दगियां , हमारे घर और हमारे परिवार ।
*30 🤔  जहां जीवन में आशा की कोई भी किरण नहीं थी।
*31🤔 जहाँ हम गुलामी का जीवन जीते थे।
*32 🤔 हमें गले में हांडी और पीछे झाड़ू बांधकर चलना होता था ताकि हम जमीन पर न थूकें और हमारे पैरों के अछूत निशान जमीन पर न बचें ।
*33 🤔 हम दोपहर के अलावा अपने दड़बों से बाहर नहीं निकल सकते थे ।ताकि हमारी परछाई किसी सवर्ण के ऊपर न पड़े ।
*34 🤔 दोपहर में बर्तन बजाते हुए ही घरों से बाहर निकल सकते थे ।
*35 🤔 हमारा कृषि करना और आखेट करने पर पाबन्दी थी ।केवल मुर्दा मवेशी का ही मांस खा सकते थे ।
*36 🤔 हम नया कपड़ा नहीं पहन सकते थे।
*37 🤔 हम मानव द्वारा प्रयोग किए जाने वाले तालाब से पानी नहीं पी सकते थे ।पी लेने पर जिह्वा काट देने या मृत्यु दण्ड दिया जाता था ।
*38 🤔 हमारे पूर्वज जानवरों के तालाब से ही पानी पी सकते थे।
*38 🤔 यदि हम किसी से छू जाते अथवा दिखाई दे जाते तो दंडित किया जाता था।और वह सवर्ण गौ मूत्र से नहाता था।
*39 🤔 हमें जानवरों से भी बदतर समझा जाता था।
*40 🤔 जब बारिश नहीं होती थी तो *तथाकथित इन्द्र देवता* को प्रसन्न करने के लिए जगह जगह हमारे पूर्वजों की *बलि* दी जाती थी।
*42 🤔 हमारे पूर्वजों की पहली सन्तान को पैदा होते ही गंगा नदी में फेंक कर बहा देना होता था ।
*43 🤔 हमारे परिवार की बेटियों को मन्दिर को दान में देना पड़ता था जो *देव दासी* कहलाती थी ।उनसे पैदा अवैध सन्तान को *हरिजन* कहते है।
*44 🤔 कोई ब्रिज अथवा भवन बनाते समय चरक प्रथा के नाम पर हमारे पूर्वजों की बलि देकर नींव में दफन किया जाता था।
*45 🤔 हमारी माता बहनों को ऊपरी अंग ढकने पर पाबन्दी थी ।
*46 🤔 ब्राह्मणी रियासत *त्रावणकोर* में यह प्रथा अंग्रेज़ी शासनकाल में भी समाप्त करने के लिए तैयार नहीं थे।जिसके लिए जद्दोजहद करना पड़ा।
*47 🤔 अच्छूत कहकर महामारी में भी  हमारा इलाज नहीं हो पाने के कारण , तड़प - तड़पकर मरते थे हम लोग ।
*48 🤔 दो रोटी और कपड़ा के लिए कोल्हू के बैल की तरह काम लिया जाता था हमारे पूर्वजों से।
*49 🤔यह सब पाबंदी के नियम हमारे ऊपर यूरेशियन ब्राह्मणों के उन पूर्वजों ने लगा रखे थे *जिन्हें आज हम देवी देवता मानकर पूजते हैं*
*50 🤔आज भी ब्राह्मण *जन्म कुण्डली* में हमें *राक्षस , दानव ,दाना ,दैत्य या असुर*ही लिखता है ।
और स्वयं को *" श्रेष्ठ"* मानते हुए *देव या देवता* लिखता है ।

*51🤔 अपने पूर्वजों की दुर्गति जानकर भी आप इन्हें अपना देवी - देवता मानकर पूजना पसंद करते हैं ,इसे क्या कहें , अज्ञानता या जानकर भी अनजान बनने वाले मानसिक रुप से बीमार............?*

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🤔ऐसा था हमारे बाप दादाओं का 
बीता हुआ कल...
लेकिन आज जो परिवर्तन हुआ है बाबा साहब की वजह से।
*🙏जय भीम जय संविधान 🙏*

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