कहानी /खरगोश की


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एक बार शेर और गधे की दोस्ती हो गई , दोनों दोस्त साथ साथ जंगल में शिकार करने जाते थे , उनकी दोस्ती को काफी समय हो गया जंगल के सभी जानवर उनसे डरने लगे जैसे ही वो जंगल में शिकार के लिए जाते तो जंगल में चारों तरफ जानवरों की भगदड़ मच जाती , गधा ये सब देखकर बहुत खुश होता था उसको लगता था कि जंगल के सभी जानवर उससे डरकर भाग जाते हैं , उस बेचारे गधे को ये कहाँ मालूम था कि जंगल के सभी जानवर उससे नहीं उसके पीछे चलने वाले शेर से डरकर भागते हैं , इसी गलत फहमी के कारण एक दिन गधा जंगल में अकेला शिकार के लिये चला गया , होना क्या था जंगल के सभी जानवरों ने उसे अकेला देखकर उसको मार डाला , ये बात शेर को मालूम पड़ी तो वह बहुत दुखी हुआ और मन ही मन सोचने लगा की मेरे दोस्त गधे को उसकी वेबकूफी ने ही मार डाला उसको ये नहीं मालूम था कि जंगल के जानवर उससे नहीं बल्कि मुझसे डरकर भागते थे , 

इसी प्रकार हमारे समाज के पढ़े लिखे लोग  वेल सैटेड लोग भी इसी गलत फहमी में जी रहे हैं , कि अब सामान्य वर्ग के लोग उनको पैसा , पर्सनाल्टी , प्रोपर्टी के कारण सम्मान देते हैं और कहते हैं कि दूसरे समाज के लोग हमारे साथ बैठकर व्यवहार रखते हैं , उन वेबकूफों को ये नहीं पता कि ये लोग हमारी इज्जत पैसा पर्सनाल्टी के कारण नहीं करते बल्कि शेर की तरह पीछे खड़े हमारे बाबा साहेब डॉ० भीमराव आंबेडकर जी और उनके द्वारा लिखे गए भारत के संविधान की वजह से इज्जत मान सम्मान करते हैं । 

वे लोग इसी इंतजार में हैं कि कब अम्बेडकर जी के द्वारा लिखे संविधान को ख़त्म किया जाये और  मैं तो कहता हूँ अगर बचना है तो संविधान को बचा लो वर्ना गधे की तरह सबकी मौत तो निश्चित है ।


जय हिंद जय भारत  जय संविधान 

👌👌👌

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