मेरी चहत

 आ

 मेरी चाहत

 तुझे दुल्हन बना दूँ

 तुझे ख्वाबों के

 सुनहले तारों से

 सजा दूँ

 तेरी मांग में

 सुरमई शाम का

 टीका लगा दूँ

 तुझे दिल के

 हसीन अरमानों की

 चुनरी उढा दूँ

 अंखियों में तेरी

 ज़ज्बातों का

 काजल लगा दूँ

 माथे पर तेरे

 दिल में मचलते लहू की

 बिंदिया सजा दूँ


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