सूद्रो का दुश्मन

मनुष्य के सबसे बड़े दुश्मन तीन हैं 
1- जाति, 
2- धर्म, 
3- ईश्वर, 

जाति क्या है??
जाति पाली भाषा का शब्द है जिसका अर्थ जन्म से इसीलिए ही जाति नहीं जाती है जो जिस जाति में जन्म लेता है उसके गुण धर्म जरूर मिलते हैं,
👉जैसे कि👇
सुअर  से सुअर ही पैदा होगा, 
ऊंट से ऊंट ही पैदा होगा, 
हाथी  से हाथी ही पैदा होगा, 
धान से धान ही पैदा होगा,
गेहूं से गेहूँ ही पैदा होगा,
आम से आम ही पैदा होगा,
इंसान से इंसान ही पैदा होगा, 
👉लेकिन कुछ दुष्ट लोगों ने इंसान से इंसान न पैदा होकर ब्राह्मण,क्षत्रिय और वैश्य पैदा होने लगे 
👉इंसानों की मूर्खता देखिये, 
ब्राह्मणों के घर  इंसान नहीं ब्राह्मण पैदा होने लगे,
क्षत्रिय के घर इंसान नहीं क्षत्रिय पैदा होने लगे,
वैश्य के घर इंसान नहीं वैश्य पैदा होने लगे,
शूद्रों के घर इंसान नहीं शूद्र पैदा होने लगे,
इसके बाद भी दुष्टों का पेट नहीं भरा शूद्रों को और टुकड़ों में बांटा 
शूद्र चमार के घर चमार पैदा होने लगे,
शूद्र यादव के घर यादव पैदा होने लगे, 
शूद्र पटेल के घर पटेल पैदा होने लगे,
शूद्र धोबी के घर धोबी पैदा होने लगे,
शूद्र वाल्मीकि के घर वाल्मीकि पैदा होने लगे आदि,,,,
मनुवादी व्यवस्था ने ऊंच-नीच भेदभावपूर्ण वर्ण व्यवस्था और जाति व्यवस्था का ऐसा जाल बना दिया कि पढे लिखे लोगों को भी ब्राह्मणों की गुलामी समझ में नहीं आ रहा है और ब्राह्मणों की गुलामी करने के लिए ही आपस में लड रहे हैं, 

डॉ0भीमराव आम्बेडकर जी ने ब्राह्मणों की व्यवस्था भंग करके भारतीय संविधान के माध्यम से सभी को बराबर कर दिया लेकिन मूर्ख संविधान बिरोधी बन गये हैं

👉धर्म क्या है
धर्म का अर्थ है धारण करना या ग्रहण करना जो धारण करने योग्य हो,
मनुष्य एक सामाजिक प्राणी है मनुष्य को समाज में रहने के लिए अच्छी शिक्षाऔर सही सामाजिक ज्ञान की जरूरत है और सही सामाजिक ज्ञान के लिए सही शिक्षक या गुरु की जरूरत होती है मनुष्य को जन्मदिन,शादी से लेकर अंतिम संस्कार तक के बहुत कर्मकांड करने की जरूरत होती है इसलिए सही धर्म और सही धर्म गुरु की जरूरत होती है 
धर्म जो कि वैज्ञानिक सिद्धांत पर आधारित हो अंधविश्वास और पाखंड से रहित हो या होना चाहिए

👉ईश्वर क्या है,🤔
ईश्वर को आदिकाल से लेकर आज तक किसी ने भी नहीं देखा है और न ही कोई मिला है
ईश्वर से आप कुछ भी नहीं करवा सकते हैं पेरियार रामास्वामी नायकर ने कहा था कि ईश्वर को दुष्टों ने बनाया है गुंडे पुजवाते है 
और मूर्ख लोग पूजते है,
👉पूजा का अर्थ है पू=पूरी 
जा=जानकारी किसी कार्य करने से पहले पूजा करने का अर्थ अगरबत्ती जलाना नहीं है बल्कि कार्य करने की पूरी जानकारी होना जरूरी है तभी आपको कार्य में सफलता मिलेगी 🙏

टिप्पणियाँ

लोकप्रिय पोस्ट