सच्चा प्यार पर कविता

__________ __________ सच्चा प्यार
जब भी उसके घर के सामने से गुजरता था,

 उसे देख कर दिल धक-धक करता था ,

ना देखूं तो धड़क कर रह जाता था ,

उसकी आंखें बहुत प्यारी थी  ,

जब देखती थी जान निकल जाता था ,

जब वह हस्ती थी तो उसका दांत बहुत प्यारा लगता था,

जितनी बार उसे देखता था,
उतनी बार अपनापन लगता था ,

मुझे उससे मोहब्बत है यह उसे मालूम था ,

वह मुझे सताती थी देख-देख कर मुस्कुराती थी ,

मैं भी उसे देख कर हंस दिया करता था ,

कहीं भी जाना हो उसके घर के तरफ से ही निकल कर जाता था,

जब उसने मांगा था नंबर होली का दिन था,

 बहुत प्यारी लग रही थी वह क्योंकि उसकी गालों पर हरा रंग का अबीर था,

मैं भी रंगो में रंगीन था पहना शर्ट और जींस था,

जब वह मुझसे बातें कर रही थी मैं उसे छुना चाहता था,

उससे इस कदर प्यार किया था कभी ना खोना चाहता था,

उसे करीब से देखने के बाद दिन में चैन रात में नींद कहां आता था,

अब आएगा अब आएगा उसका फोन यह सोच कर दिल धड़कता था,

दिल को बहुत सुकून मिलता था जब उसका फोन आ जाता था,

प्यार बहुत खूबसूरत है उसकी बाते बहुत अच्छा लगता था,

जिस दिन को लाल सूट पहन लेती थी मैं देखकर देखता रह जाता था,

उसकी डबल चोटी स्कूल वाला ड्रेस मुझे बहुत अच्छा लगता था,

मैं भी उससे बेफनाह मोहब्बत करता था,

ओभी मुझसे बेफनाह मोहब्बत करती थी ,

वह मुझसे शादी करना चाहती थी,

मै भी उससे शादी करना चाहता था,

बहुत प्यारी थी बहुत प्यार करती थी मैं भी बहुत प्यार करता हूं....

#SKG
ऊपर जो भी आपने पढ़ा वह सब काल्पनिक है
M___N___9106640092

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