प्रेरणादायक कहानी बुद्ध भगवान

 *बहुत सुन्दर लेख है*


एक व्यक्ति रोज बौद्ध विहार जाता था! एक दिन उस व्यक्ति ने भंते से कहा अब मैं बौद्ध विहार नही आया करूँगा !

इस पर भंते ने पूछा -- क्यों ?


तब व्यक्ति बोला -- मैं देखता हूँ लोग बौद्ध विहार परिसर में अपने फोन से अपने व्यापार की बात करते हैं ! कुछ ने तो बौद्ध विहार को ही गपशप करने का स्थान चुन रखा है ! कुछ वंदना कम पाखंड,दिखावा ज्यादा करते हैं !


इस पर भंते कुछ देर तक चुप रहे फिर कहा -- सही है ! परंतु अपना अंतिम निर्णय लेने से पहले क्या आप मेरे कहने से कुछ कर सकते हैं !


वह व्यक्ति बोला - आप बताइए क्या करना है ?


भंते ने कहा -- एक जलती मोमबत्ती लीजिए और 2 बार बौद्ध विहार परिसर के अंदर परिक्रमा लगाइए । शर्त ये है कि मोमबत्ती बुझानी नहीं चाहिये !


वह व्यक्ति बोला -- मैं ऐसा कर सकता हूँ !


फिर थोड़ी ही देर में उस व्यक्ति ने ऐसा ही कर दिखाया ! उसके बाद बौद्ध विहार के भंते ने उस व्यक्ति से 3 सवाल पूछे -


1.क्या आपने किसी को फोन पर बात करते देखा?


2.क्या आपने किसी को विहार में गपशप करते देखा?


3.क्या किसी को पाखंड करते देखा?


व्यक्ति बोला -- नहीं मैंने कुछ भी नहीं देखा !


फिर भंते बोले --- जब आप परिक्रमा लगा रहे  थे तो आपका पूरा ध्यान जलती मोमबत्ती पर था कि मोमबत्ती बुझ न जाए इसलिए आपको कुछ दिखाई नहीं दिया|


 अब जब भी आप बौद्ध विहार आयें तो अपना पुरा ध्यान सिर्फ़ भगवान गौतम बुद्ध के धम्म में ही लगाना फिर आपको कुछ दिखाई नहीं देगा| सिर्फ धम्म ही सर्वत्र दिखाई देगें|


      '' जाकी रही भावना जैसी ..

        प्रभु मूरत देखी तिन तैसी|''


जीवन मे दुःखो के लिए कौन जिम्मेदार है ?


 👉🏻ना भगवान,

 👉🏻ना गृह-नक्षत्र,

 👉🏻ना भाग्य,

 👉🏻ना रिश्तेदार,

 👉🏻ना पडोसी,

 👉🏻ना सरकार,


जिम्मेदार आप स्वयं है|


1) आपका सरदर्द, फालतू विचार का परिणाम|


2) पेट दर्द, गलत खाने का परिणाम|


3) आपका कर्ज, जरूरत से ज्यादा खर्चे का परिणाम|


4) आपका दुर्बल /मोटा /बीमार शरीर, गलत जीवन शैली का परिणाम|


5) आपके कोर्ट केस, आप के अहंकार का परिणाम|


6) आपके फालतू विवाद, ज्यादा व् व्यर्थ बोलने का परिणाम|


            उपरोक्त कारणों के अलावा सैकड़ों कारण है और बेवजह दोषारोपण दूसरों पर करते रहते हैं | इसमें धम्म  दोषी नहीं है|

अगर हम इन कष्टों के कारणों पर बारिकी से विचार करें तो पाएंगे की कहीं न कहीं हमारी मूर्खताएं, अशिक्षा, अंधविश्वास, जाति-प्रथा ही इनके पीछे है|


आपका जीवन प्रकाशमय हो तथा शुभ हो |🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏

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