तेरे लिऐ
तेरी आंखों में ये
आज शरारत नई है
बदन में मेरे उठी
ये हरारत नई है
क्या ये सब मेरे
इश्क़ का असर है
या तेरे दिल में ये
पल रही चाहत नई है
ये तेरे मस्कारे
ये तेरा जुल्फे संवारना
लगता आज
किसी पे क़यामत नई है
तेरे बेवफा इशारे
खूब समझता हूं
लगता आज मेरे
दिल पे शामत नई है।
#SKG
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