चार दिन की जिन्दगी

 चार दिन की ज़िन्दगी, मैं किस से कतरा के चलूँ,


ख़ाक़ हूँ, मैं ख़ाक़ पर, क्या ख़ाक़ इतरा के चलूँ...!!

#SKG

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